सोमवार, 17 नवंबर 2014

काशीचक में सगर रात दिया जरे काजकरम

आलोचना सहइ के क्षमता रखथिन साहितकार : तरूण
*काशीचक में जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में ‘सगर रात दिया जरे’ के होल
 काजकरम
*काजकरम में जुटलथिन प्रदेश के कय दरजन कवि आउ आलोचक
प्रतिनिधि, हिसुआ 
आलोचना सहइ के क्षमता रखथिन साहितकार, आलोचना से साहित प्रखर होवऽ हइ. एकरा से रचनाधर्मिता के स्तर ऊपर उठऽ हइ. ई बात हिंदी मगही के प्रखर आलोचक आउ पटना कॉलेज के हिंदी के प्रोफेसर डॉ. तरूण शुक्रवार के रात काशीचक के जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में आयोजित सगर रात दीया जरे के काजकरम में कहलथिन. अखिल भारतीय मगही मंडप, काशीचक आउ कॉलेज के तत्वावधान में बाल दिवस के मोका पर काजकरम के आयोजन कइल गेल हल. श्री तरूण कहलका कि आलोचना सहइ के क्षमता जदि साहितकार में नञ् हइ तऽ उनखर रचनाधर्मिता चिरकालिक नञ् हे आउ उनखा के साहित के भला नञ् भेतइ. ऊ स्वस्थ, स्तरीय साहित लिखे, ओकर संपादन करइ के साथ ओकर आलोचना करइ आउ करबावइ के अपील कइलथिन. मुख्य अतिथि डॉ. भरत शास्त्र दुन्हूं के आधार बना के आलोचना करइ पर बल देलथिन. ऊ कहलथिन कि खाली शस्त्र आउ समकालीन आलोचना से साहित के भला नञ् होतइ. डॉ. भरत मगही साहित के इतिहास के विवेचना कइलका,. सारथी पत्रिका के संपादक मिथिलेश जी कहलथिन कि मगही हर विधा से समृद्ध हो रहल हे. एकरा हर हाल में भाषा के मोकाम मिले के चाही. ऊ मगह के जनप्रतिनिधि, मंत्री आउ सासंद के एकरा में लग के अप्पन माय के बोली के करजा चुकावे के अपील कइलका.
 काजकरम के अध्यक्षता मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा आउ संचालन मिथिलेश जी कइलथिन. शुरूआत पंडित नेहरू के तस्वीर पर फूल-माला चढ़ाके भेल. ओकर बाद वरिष्ठ साहितकार रामचंद्र के अध्यक्षता आउ नागेंद्र शर्मा बंधु के संचालन में दीनबंधु के सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन शुरू होल जे सगर रात चलल. कृष्ण कुमार भट्टा के एकल नाट्य प्रस्तुति सबके मन मोहलक. गया के कवि वासुदेव के डफली आउ खंचड़ी बजा-बजा के लोकगीत गायन सराहल गेल. काजकरम में जयप्रकाश, अशोक समदर्शी, रंजीत, शफीक जानी नादां, दयानंद बेधड़क, नरेंद्र प्रसाद सिंह, शंभू विश्वकर्मा, जयराम देवसपुरी, प्रेम कुमार, मुंद्रिका सिंह, जयनंदन, सच्चिदानंद सितारे हिंद, दशरथ, परमानंद, चंद्रभूषण, उमेश बहादुरपुरी, अभय कुमार, नवलेश, नरेश प्रसाद, मदन शर्मा मिलाके तीन दर्जन कवि उपस्थित हलन. साहितकार, पत्रकार आउ क्षेत्र के शिक्षाविदों रात भर काजकरम के आनंद लेलथिन. धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज के प्राचार्य कइलथिन. आयोजन में परमानंद आउ कृष्ण कुमार भट्टा लगल हलथिन. मोका पर सारथी पत्रिका के 22वां अंक आउ श्री मिथिलेश के शेरावाली खंड काव्य के लोकार्पण भेल. कवि सउ के अंगवस्त्र आउ प्रशस्ति पत्र देके सम्मानित कइल गेल. काजकरम में मगही के मानकीकरण के सवाल उठल.
 - (प्रभात खबर के मगही के अंगना कॉलम से साभार, रविवार, 16 नवंबर 2014, गया संस्करण पेज-04)

*मगही माषा के उत्थान और प्रचार-प्रसार को हित में रखकर ‘प्रभात खबर’ अखबार इधर लगातार ‘मगही के अंगना’ कॉलम से मगही की विभिन्न विधाओं की रचना को छाप रहा है. इसी कॉलम में मगही कार्यक्रमों से जुड़ी खबरों को भी लिया जा रहा है.*

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