मगध विश्विधालय स्नातकोत्तर मगही विभाग के प्रथम स्थापना दिवस समारोह
पर एगो रिर्पोट
10 सितमबर 2011 के मगध विश्विधालय स्नातकोत्तर मगही विभाग के प्रथम स्थपना दिवस मनावल गेल । समारोह अपने आप में खाली स्थापना दिवस नञ , बलूक मगही साहित के उपलब्धि के एगो महान ऐतिहासिक दिवस हल, जेकरा में मगही विभाग के खाली शिक्षके , छात्र आउ कर्मी नञ जुटनथिन, बलूक मगध समेत बिहार आउ झारखंड के मगही के झमटगर- झमटगर साहितकार जुटलथिन । मगही विभाग के अप्पन साल भर के काम- काज के लेखा-जोखा के साथे -साथ मगही साहित पर साल भर में जे काम होलय, ओकरा देख के आज मगही साहितकार नितरा रहलथिन ह । मगही के हर विधा पर जमके काम होलय । एकर गोवाह ई समारोह में लोकार्पित कैल गेल दरजन भर किताब हे । मगही विभागाध्यक्ष डॉ0 भरत , उनखर पीठ पुरावे वाला साहितकार मिथिलेश आउ उनखर सहयोगी के सगरो बड़ाय आउ साधुवाद मिल रहले हऽ आउ मान रहले हऽ कि मगही अब अप्पन मंजिल से दूर नञ हे ।
काजकरम ई रूप में भेल
काजकरम के उद्धाटन मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा, अतिथि मनमोहन पाठक, शेषानन्द मधुकर, डॉ0 राम प्रसाद सिंह, डॉ0 राजदेव शर्मा , गोवर्धन प्रसाद सदय सब मिल के कइलन । अध्यक्षता राम नारायण सिंह आउ मंच संचालन डॉ0 भरत सिंह कइलन । उद्धाटन के बाद चन्द्रावति चन्दन के सरस्वती वन्दना से काजकरम के शुरूआत होल । फूल माला आउ बुके देके अतिथि के स्वागत करल गेल ।
दरजन भर किताब के लोकार्पण
काजकरम में दरजन भर किताब के लोकार्पण होल । मिथिलेष के कहानी संकलन कनकन सोरा, डॉ0 भरत सिंह के माटी के महक, उनके संपादन में आखिर कहिया तक कवि मथुरा प्रसाद नवीन के कविना सेंगरन, डॉ0 भरत आउ डॉ0 चंचलाकुमारी के संपादन में मगही जतरा, अजय के कविता सेंगरन सकरी के करगी, नागेन्द्र बन्धु के दूगो नाटक वनदेवी आउ असली चेहरा, कृष्ण कुमार भट्टा के दूगो नाटक दुलहिन बड़ कि दहेज आउ एक राह आउ के लोकार्पण भेल । स्थापना दिवस के मौका पर स्मारिका मगही सुजाता के लोकार्पण काजकरम में चार चांद लगा देलक । किताब स्तरीय गेटअप- मेकअप में देस के प्रतिष्ठित प्रकाशन कला प्रकाशन वाराणसी, विशाल पब्लिकेशन पटना, जागृति प्रकाशन पटना आउ स्वयं सेवी संस्था के मदद से छपावल गेल ह ।
सम्बोधन आउ कवि सम्मेलन
उद्धाटन, लोकार्पण के बाद सम्बोधन के दौर चलल, जेकरा में पहुंचल सभे जिला के गणमान साहितकार आउ मगही के प्रोफेसर, शिक्षक के बोले के मौका मिलल । मुख्य वक्ता के रूप में म0 वि0 के डी एस डब्लू बी बी शर्मा, हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ0 वंशीधर लाल, धनवाद के बी बी शर्मा एमनमोहन पाठक, हजारीबाग के षेषानन्द मधुकर, डॉ0 राम प्रसाद सिंह, डॉ0 राजदेव शर्मा, गोवर्धन प्रसाद सदय, राम रतन सिंह रत्नाकर, ए शर्मा, जयनाथ कवि, उमा शंकर सिंह सुमन, पटना के घमंडी राम, दिलीप कुमार, सीमा रानी, जहानाबाद के महेन्द्र प्रसाद देहाती, सुधाकर राजेन्द्र, मगही पत्रिका के संपादक धनंजय श्रोत्रीय, टोला-टाटी के संपादक सुमंत, अरविंद कुमार ओजांस, शम्भू विश्वकर्मा , अक्षुत भानु, मगही अकादमी अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा समेत कय दरजन अतिथि संबोधित करनथिन । धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 किरण शर्मा कइलथिन ।
कवि सम्मेलन में दीनबन्धु, परमेशरी , चन्द्रावती चन्दन, नरेन्द्र सिंह अशोक समदर्शी , सागर आनन्द, अमरदेव सिंह अमर, वासुदेव प्रसाद, मुन्द्रिका सिंह, सुधाकर राजेन्द्र, घमंडी राम, चतुरानन्द मिश्र, रामविनय षर्मा, गोपाल निर्दोष, जयनन्दन आउ कय दरजन कवि मगहिया धार देखैलथिन ।
मिलल ताकत, होल संकलप
काजकरम मगही साहित के बड़गर ऐतिहासिक दिन हल, जेकरा से सभे साहितकार के मगही में काम करे के ताकत भेंटल आउ प्रेरणा जगल । मगही भासा के लगभग सभे विधा में स्तरीय रचना लिखे के आहृवाहन के साथ मगही के सम्मान ले एकजुट होवे के निहोरा कइल गेल । जनप्रतिनिधि के जहां धिक्कारल गेल, ओहैं जन जन के आन्दोलन चला के मगही के मोकाम तक पहुंचावे के संकलप लेल गेल ।
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