सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

मगही साहित्य में हिसुआ का योगदान महत्वपूर्ण


 मगही साहित्य में हिसुआ का योगदान महत्वपूर्ण

*हिसुआ में आयोजित हुई साहित्यिक गोष्ठी व कवि सम्मेलन
*मगही मनभावन, सारथी और मगही संवाद पत्रिका की हुई समीक्षा

हिसुआः मगही साहित्य को समृद्ध करने में हिसुआ का महत्वपूर्ण योगदान है. यहां के दिवंगत साहित्यकारों ने भी पांच दशक पहले मगही भाषा को समृद्ध किया है. अभी के साहित्यकार भी इसमें अपना योगदान दे रहे हैं. यह बातें मुख्य अतिथि मगध विश्वविद्यालय के मगही विभागाध्यक्ष डॉ. भरत सिंह ने शहर के आर्य समाज मंदिर में कही. मौका था हिन्दी-मगही साहित्यिक मंच शब्द साधक द्वारा आयोजित साहित्यिक गोष्ठी व कवि सम्मेलन का. मुख्य अतिथि ने हिसुआ के इंटरनेट मगही पत्रिका मगही मनभावन के मगही कोकिल जयराम सिंह अंक की सराहना की और कहा कि इसके संपादन के साथ-साथ रचना का चयन काफी स्तरीय है. उन्होंने सारथी पत्रिका की समीक्षा की. अन्य वक्ताओं ने मगही मनभावन और सारथी पत्रिका पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मगही-हिन्दी के वरिष्ठ कवि दीनबंधु ने किया, जबकि मंच संचालन कवि उदय के द्वारा हुआ. दूसरे सत्र में बसंत और समसामयिक विषयों पर कवियों ने हिन्दी व मगही काव्य पाठ किया. दीनबंधु, अमरेंद्र पुष्प, अनिल कुमार, देवेंद्र कुमार पाण्डेय, कुलेश्वर मेहता, डॉ नवल किशोर शर्मा, हरिहर प्रसाद, शादिक नवादवी, ओंकार शर्मा, प्राणेश कुमार, रामनरेश प्रसाद, सच्चिदानंद पांडेय, हर्ष भारती ने काव्य पाठ किया. मौके पर अरूण देवरसी, वार्ड पार्षद पवन कुमार गुप्ता, जयप्रकाश मेहता आदि उपस्थित थे.

 शब्द साधक मंच की नयी कार्यकारिणी गठित

हिसुआः शहर के हिन्दी-मगही साहित्यिक मंच शब्द साधक मंच की नयी कार्यकरिणी का गठन रविवार को किया गया. दीनबंधु को अध्यक्ष, कवि उदय को संयोजक व अनिल कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया है. इसके अलावा कार्यकारिणी के अमरेंद्र पुष्प, अरूण देवरसी, प्रवीण कुमार पंकज, ओंकार शर्मा, प्राणेश कुमार, देवेंद्र कुमार पांडेय, देवेन्द्र विश्वकर्मा इत्यादि अधिकारी बनाये गये हैं.
                                                            
   प्रभात खबर, नवादा आसपास, गया संस्करण, 25-2-2013.

 काव्य पाठ और साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन

हिसुआ(नि.सं.) हिन्दी और मगही का सशक्त मंच शब्दसाधक के बैनर तले एक साहित्यिक बैनर तले एक साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन किया गया. शनिवार को आर्य समाज मंदिर में इंटरनेट मगही पत्रिका मगही मनभावन, कवि मिथिलेश की पत्रिका सारथी और रत्नाकर जी की पत्रिका मगही संवाद पर समीक्षात्मक चर्चा चली. मगध विश्वविद्यालय के मगही विभागाध्यक्ष डॉ. भरत सिंह ने सभी के प्रयासों को सराहा. उदय भारती के मंच संचालन में ही अगले सत्र में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. इस मौके पर अरूण देवरसी, प्रवीण कुमार पंकज, अमरेन्द्र पुष्प, प्राणेश कुमार, अनिल कुमार आदि ने अपने काव्यपाठ से समां बांध दिया.
 हिन्दुस्तान, नवादा आसपास, नवादा संस्करण. 25-2-13.

 दैनिक जागरण नवादा, पटना संस्करण से 25-2-13

हिसुआ (निज संवाददाता)- शब्द साधक के तत्वावधान में रविवार को आर्य समाज मंदिर में मगही कवि उदय कुमार भारती ने मगही मनभावन पत्रिका के ग्यारहवें अंक का लोकार्पण किया. मौके पर दर्जन भर मगही एवं समकालीन कवि उपस्थित थे. इस अंक में उन्होंने मगही कोकिल जयराम सिंह का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनके द्वारा लिखित कुछ रचनाओं को भी स्थान दिया है. मगध विश्वविद्यालय के मगही संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. भरत ने इस अंक की भूरी-भूरी प्रशंसा की. उन्होंने सुझाव दिया कि हिसुआ में कुछ ऐसे मगही कवि हैं जिन्होंने मगही के उत्थान के लिए संघर्ष किया है. उन्हें भी अपनी मगही पत्रिका में स्थान दें और गुमनामी से बाहर निकालें. उनके द्वारा मिले सुझावों को उन्होंने मगही मनभावन पत्रिका में देने का संकल्प लिया. अंतिम सत्र में दीनबंधु ने वसंत ऋतु के ऊपर एक कविता सुना सभी को लोट-पोट कर दिया. मौके पर अरूण देवरसी, हिमालय राज, हरिहर प्रसाद, पवन कुमार, अनिल कुमार सहित दर्जन भर मगही कवियों ने भी अपना उद्गार व्यक्त किया.



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